*एक बार एक बंदर को उदासी के कारण मरने की इच्छा हुई, तो उसने एक सोते हुए शेर के कान खींच लिये।*
शेर उठा और
गुस्से से दहाड़ा-
“किसने किया ये..? किसने अपनी मौत बुलायी है..?”
बंदर: "मैं हूँ महाराज। दोस्तो के अभाव में अत्याधिक उदास हूँ,
मरना चाहता हूँ,
आप मुझे खा लीजिये।"
शेर ने हँसते हुए पूछा-
“ मेरे कान खीँचते हुए तुम्हें किसी ने देखा क्या..?”
🤔
बंदर: "नहीं महाराज..."
*शेर: "ठीक है, एक दो बार और खीँचो, बहुत ही अच्छा लगता है.... !!"*
*सार :*
*अकेले रह-रह कर जंगल का राजा भी बोर हो जाता है।*
*इसलिए अपने दोस्तों के संपर्क में रहें, कान खीँचते- खिचाते रहे, पंगा लेते रहे...।*
*सुस्त न रहे,*
*मस्ती 👇👆🤪करते रहें..!*
*दोस्तो से रिश्ता रखा करो जनाब..!!*
*तबियत मस्त रहेगी।*
😊😊😊😊😊
*ये वो हक़ीम हैं*
*जो अल्फ़ाज़ से ही इलाज कर दिया करते हैं।*
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