कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है.- whatsup poet

कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें
कुछ खोए हुए सपने है, कुछ अनसुनी आहटें
कुछ दर्द भरे लम्हे है, कुछ सुकून भरे लम्हात
कुछ थमें हुए तूफ़ाँ हैं, कुछ मद्धम सी बरसात
कुछ अनकहे अल्फ़ाज़ हैं, कुछ नासमझ इशारे
कुछ ऐसे मंझधार हैं, जिनके मिलते नहीं किनारे
कुछ उलझनें है राहों में, कुछ कोशिशें बेहिसाब
बस इसी का नाम ज़िन्दगी है चलते रहिये, जनाब.....

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