Anmol Bachan - Whatsup Messages - Share with all

सुप्रभात ,
     आज का आदमी ईश्वर पर भी आरोप लगाने से नहीं चूकता है। जिस ईश्वर ने इसे बुद्धि प्रदान की है उसी बुद्धि के बल पर यह ईश्वर को ही झुठलाना चाहता है।
     बहुधा लोगों के मुख से यह बात सुनी जाती है कि भगवान् भी भेदभाव करते हैं। दूसरों को इतना दिया, हमें कुछ भी नहीं दिया।औरों को सुख ही सुख हमें इतना दुःख दिया। गीता में भगवान कहते हैं कि
      " समोहं सर्वभूतेषु नमो द्वेष्योस्ति न प्रियः।
    हे अर्जुन, मैं कभी किसी से भेदभाव नहीं करता ना ही कोई प्राणी मेरे लिए विशेष है। मैं सबमें समभाव रखता हूँ मगर इसके बावजूद अच्छे आचरण वाला, सबमें मेरे स्वरूप का दर्शन करने वाला और मुझसे प्रेम करने वाला जीव मेरा प्रिय तो बन ही जाता है।
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परमात्मा से शिकायत मत किया करो। हम अभी इतने समझदार नहीं हुए कि उसके इरादे समझ सकें। अगर उस ईश्वर ने आपकी झोली खाली की है तो चिंता मत करना क्योंकि शायद वह पहले से कुछ बेहतर उसमे डालना चाहता हो।
एक महात्मा ने पूछा कि सबसे ज्यादा बोझ कौन सा जीव उठा कर घुमता है ? किसी ने कहा गधा तो किसी ने बैल तो किसी ने ऊंट अलग अलग प्राणीयो के नाम बताए। लेकिन महात्मा किसी के भी जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। महात्मा ने हंसकर कहा - गधे, बैल और ऊट के ऊपर हम एक मंजिल तक बोझ रखकर उतार देते हैं लेकिन, इंसान अपनेमन के ऊपर मरते दम तक विचारों का बोझ लेकर घूमता है किसी ने बुरा किया है उसे न भूलने का बोझ, आने वाले कल का बोझ, अपने किये पापों का बोझ इस तरह कई प्रकार के बोझ लेकर इंसान जीता है। जिस दिन इस बोझ को इंसान उतार देगा तब सही मायने मे जीवन जीना सीख जाएगा।
क्यों सोचे तू कल की,कल के कौन ठिकाने हैं,
ऊपर बैठा वो बाजीगर, जाने क्या मन में ठाने है.

सुप्रभात.....🙏🏻
आपका दिन शुभ और जीवन मंगलमय हो।
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