बिल्ली मत पालना - Whats story

बिल्ली मत पालना.....????
एक संन्यासी मरण शैया पर पड़ा था। और उसके शिष्यों ने पूछा कि हमारे लिए कोई आखिरी संदेश? तो उसने कहा कि जो मेरे गुरु ने मुझसे कहा था और मैंने नहीं माना, वही मैं तुमसे कहता हूं। तुम कोशिश करना मानने की। मैं असफल रहा।
सब जाग कर बैठ गए कि कोई बहुत महत्वपूर्ण बात, जो गुरु ने उसको कही थी और वह भी न मान पाया। और वह हमसे कह रहा है। उसने कहा कि तुम बिल्ली कभी मत पालना। शिष्य थोड़े हैरान हुए, कि यह कौन सा ब्रह्मज्ञान? वेद में भी इसका उल्लेख नहीं, कुरान में भी नहीं, बाइबिल में भी नहीं, यह कौन सा धर्म? क्या मरते वक्त तुम्हारा दिमाग गड़बड़ हो गया? सन्निपात में हो? हम पूछ रहे हैं कि कोई कुंजी दे जाओ–सूत्र, और आप बता रहे हैं कि बिल्ली मत पालना। सठिया गए हो?
उसने कहा कि नहीं; यही मेरे गुरु ने कहा था और मैं न मान पाया मैं तुम्हें अपनी कहानी कहे देता हूं। तुम याद रखना।
गुरु ने मरते वक्त–यही मैंने उनसे कहा था, कि क्या करूं? कोई संदेश, सारसूत्र? उन्होंने कहा कि बिल्ली मत पालना। मैंने भी समझा कि सठिया गए। दिमाग खराब हो गया मरते वक्त। उम्र भी ज्यादा हो गई थी। कोई नब्बे वर्ष थी उम्र। अब दिमाग ठीक काम नहीं कर रहा है। बिल्ली पालने से क्या संबंध? लेकिन वहीं भूल हो गई। मैंने समझा कि दिमाग खराब है, वहीं चूक गया।
फिर बरसों बीत गए। मैं सब छोड़ कर जंगल में रहने लगा। साधना करता था। शास्त्र पढ़ता था। मनन, ध्यान में लगा था। कुछ पास न था, बस दो लंगोटियां थीं। लेकिन चूहे झोपड़ी में थे और लंगोटी काट जाते। तो मैंने गांव के लोगों से कहा–जो आते थे कभी-कभी भोजन लेकर, फल लेकर–कि क्या करूं? उन्होंने कहा कि एक बिल्ली पाल लो।
और मुझे याद भी न आई कि मरते वक्त गुरु कह गया कि बिल्ली मत पालना। बात कुछ कठिनाई की भी न लगी। सीधी-साफ थी, निर्दोष थी। बिल्ली पालने में झंझट भी क्या? बिल्ली कोई गृहस्थी है? कोई ज्ञानी नहीं कह गया कि बिल्ली में गृहस्थी है। ज्ञानियों ने कहा कि पत्नी मत पालना, पत्नी मत पालना। बिल्ली मत पालना, किसी ने कहा है? और बिल्ली से अपना क्या लेना-देना? चूहों और बिल्ली का निपटारा हो जाएगा।
बात जंच गई। बिल्ली पाल ली। लेकिन बड़ी कठिनाई। बिल्ली को कभी चूहे मिलते, कभी नहीं भी मिलते। बिल्ली भूखी रहती, तो उस को भी पीड़ा होती। उसने गांव के लोगों से कहा कि क्या करूं? उन्होंने का कि ऐसा करो, एक गाय ठीक रहेगी। आपके भी काम आ जाएगा दूध। और बिल्ली के भी काम आ जाएगा। स्वभावतः गाय पाल ली गई।
अब गाय के लिए घास चाहिए थी। कभी गांव के लोग लाते, कभी न भी लाते। तो उसने कहा कि अब यह बड़ी मुसीबत हो गई। अब गाय की चिंता करनी पड़ती है घास चाहिए, भोजन चाहिए, पानी चाहिए। उन ने कहा कि आप ऐसा करो कि बैठे-बैठे कुछ काम भी तो नहीं है। थोड़ा घास के बीज बो दो, थोड़े गेहूं भी डाल दो। आपके भी काम आएंगे, बिल्ली के भी काम पड़ेंगे। गाय के भी काम पड़ेंगे।
रास्ता खुल गया बिल्ली से। गाय आई। खेत लग गया। लेकिन कभी संन्यासी को, तबियत ठीक न होती तो भी मजबूरी से खेत पर का करना पड़ता। पानी देना है, या बीज बोने का वक्त आ गया। धीरे-धीरे खेती महत्वपूर्ण हो गई। ध्यान धारणा कोने में पड़ गए। समय ही न मिलता। कभी वर्षा न होती तो पानी खींचना पड़ता। लोगों से पूछा कि अब क्या करना? मैं बूढ़ा भी हुआ जाता हूं। लोगों ने कहा कि ऐसा करें, गांव में एक लड़की है, उम्र भी ज्यादा होगी। विवाह होता नहीं। उसको आपकी सेवा में छोड़ देते हैं।
कोई खतरा दिखाई नहीं पड़ा। लड़की सेवा में आ गई। लड़की खेत भी सम्हालने लगी। बिल्ली की भी देखभाल करती। गाय की भी देखभाल करती। सेवा वही करती। थक जाता तो पैर भी दबाती, दवा भी देती। धीरे-धीरे मोह जगा। प्रेम बना। बिल्ली सब ले आई। पूरा संसार ले आई।
आखिर एक दिन गांववाले खुद ही आ गए कि अब यह ठीक नहीं है। क्योंकि आपका राग बन गया और यह जरा अनैतिक है। तो आप शादी ही कर लो, जब राग ही बन गया है।
संन्यासी ने कहा कि बात भी ठीक है। शादी हो गई। बच्चे हो गए। मरते वक्त उसे याद आया कि गुरु ने कहा था, बिल्ली मत पालना।
उसने कहा कि मैं तुमसे भी कहता हूं कि बिल्ली मत पालना और ध्यान रखना कि मैंने भी यही भूल की थी। समझा था कि गुरु सठिया गया। डर है कि तुम भी यही सोचोगे और बिल्ली पाल लोगे।
असल में गुरु ने जरा गलत बात बताई। अगर मैं होता, तो उससे कहता कि लंगोटी मत रखना। क्योंकि बिल्ली तो जरा दूर का मामला है। लंगोटी हो तो चूहे आएंगे। चूहे हों तो बिल्ली आएगी। वह लंगोटी से असल में झंझट शुरू हुई। तुम अगर किसी को समझाओ, तो लंगोटी का बताना। बिल्ली का मत बताना। वह सूत्र काम नहीं पड़ा।
असल में कोई भी एक चीज सब ले जाएगी। क्योंकि संसार का सवाल नहीं, मन का सवाल है। तुम कहां भाग कर जाओगे? तुम जहां भी जाओगे, कम से कम तुम तो रहोगे। तुम्हीं लंगोटी हो। और अगर तुम हो तो सब है।
🌹🌹🌞🌞💲

No comments:

Post a Comment

दोस्तो से रिश्ता रखा करो जनाब

*एक बार एक बंदर को उदासी के कारण मरने की इच्छा हुई, तो उसने एक सोते हुए शेर के कान खींच लिये।* शेर उठा और गुस्से से दहाड़ा- “किसने किया ये..?...