रोना अच्छा है - Anmol Bachan- Whatsup Message

रोना अच्छा है

आंसुओं से कभी भी भयभीत मत होना।

तथाकथित सभ्यता ने तुम्हें आंसुओं से अत्यंत भयभीत कर दिया है।इसने तुम्हारे भीतर एक तरह का अपराध भाव पैदा कर दिया है।

जब आंसू आते हैं तो तुम शर्मिंदा महसूस करते हो।तुम्हें
लगता है कि लोग क्या सोचते होंगे? मैं पुरुष होकर रो रहा हूँ, यह कितना स्त्रैण और बचकाना लगता है।ऐसा नहीं होना चाहिये।

तुम उन आंसुओं को रोक लेते हो और तुम उसकी हत्या कर देते हो जो तुम्हारे भीतर पनप रहा होता है।जो भी तुम्हारे पास है, आंसू उनमें सबसे अनूठी बात है,क्योंकि आंसू तुम्हारे अंतस के छलकने का परिणाम हैं।

आंसू अनिवार्यत: दुख के ही द्योतक नहीं हैं; कई बार वे
भावातिरेक से भी आते हैं, कई बार वे अपार शांति के कारण आते हैं, और कई बार वे आते हैं प्रेम व आनंद से।

वास्तव में उनका दुख या सुख से कोई लेना-देना नहीं है। कुछ भी जो तुमारे हृदय को छू जाये,कुछ भी जो तुम्हें अपने में आविष्ट कर ले, कुछ भी जो अतिरेक में हो, जिसे तुम समाहित न कर सको बहने लगता है, आंसुओं के रूप में।

इन्हें अत्यंत अहोभाव से स्वीकार करो, इन्हें जीयो, उनका पोषण करो, इनका स्वागत करो, और आंसुओं से ही तुम जान पाओगे प्रार्थना करने की कला।

//ओशो//

No comments:

Post a Comment

दोस्तो से रिश्ता रखा करो जनाब

*एक बार एक बंदर को उदासी के कारण मरने की इच्छा हुई, तो उसने एक सोते हुए शेर के कान खींच लिये।* शेर उठा और गुस्से से दहाड़ा- “किसने किया ये..?...